Translated Hindi nonfiction: An excerpt from ‘Aapatkal Aakhyan’, by Gyan Prakash
A comprehensive historical account of Indira Gandhi’s Emergency of 1975-77.
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ज्ञान प्रकाश की किताब आपातकाल आख्यान: इन्दिरा गांधी और लोकतंत्र की अग्निपरीक्षा का एक अंश, अनुवादक मिहिर पंड्या, राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित।
दिल्ली में 19 अप्रैल, 1976 के दिन परकोटे के भीतर विद्रोह भड़क उठा। इसकी शुरुआत सुबह 8:30 पर ‘दुजाना हाउस’ के पास भीड़ इकट्ठा होने से हुई। दिल्ली की मशहूर जामा मस्जिद से कुछ सौ मीटर की दूरी पर स्थित ‘दुजाना हाउस’ आवासीय घरों की इमारत था जिसके आगे बड़ा अहाता था। इसी अहाते के सिरे पर एसबेस्टस शीट की छत वाला एक छोटा सा ढाँचा खड़ा था, जिसके ऊपर लिखा था ‘परिवार नियोजन कैम्प’। मुस्लिम बहुल आबादी वाले इस इलाक़े की इसी इमारत के तहख़ाने में डॉक्टर और नर्स लोगों की नसबन्दी कर रहे थे। जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य हासिल करने के लिए चलाए जानेवाले इसी नसबन्दी अभियान को आगे जाकर आपातकाल की सबसे कुख्यात पहचान बनना था।
दिल्ली का परकोटे के भीतर का पुराना शहर हमेशा से ऐसा नहीं था। शहंशाह शाहजहाँ द्वारा सत्रहवीं सदी में सल्तनत की राजधानी के तौर पर बसाया गया शाहजहाँनाबाद एक वक़्त मुग़ल साम्राज्य की शान हुआ करता था। यमुना के तीर पर निर्मित प्रभावशाली लाल क़िला अपने शाही दरबार, ख़ूबसूरत महलों और आलीशान ज़नानख़ानों के साथ मुग़लिया शान-ओ-शौकत और संस्कृति का केन्द्रबिन्दु हुआ करता था।...