Navratri Mantra: सभी 9 स्वरूपों को प्रिय हैं ये मंत्र, नवरात्रि में जाप मां दुर्गा को करता है प्रसन्न

कब तक है नवरात्रि चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हुई है, यह मां दुर्गा पूजा का उत्सव 17 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान मां के नौ स्वरूपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। आइये जानते हैं सभी 9 स्वरूप के मंत्र, प्रार्थना और स्तुति मंत्र क्या हैं.. मां शैलपुत्री का मंत्र 1. ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥ 2. प्रार्थना वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ 3. स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मां ब्रह्मचारिणी मंत्र 1. ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥ 2. प्रार्थना दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥ 3. स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मां चंद्रघंटा के मंत्र 1. सरल मंत्र : ॐ एं ह्रीं क्लीं 2. माता चंद्रघंटा का उपासना मंत्र पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।। 3. या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ये मां का महामंत्र है जिसे पूजा पाठ के दौरान जपना होता है। 4. मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’ मां कुष्मांडा का मंत्र 1. ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥ 2. प्रार्थना सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥ 3. स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ ये भी पढ़ेंः Navratri Bhog: सभी नौ स्वरूपों को प्रिय हैं ये भोग, मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए रोज चढ़ाएं अलग भोगमां स्कंदमाता मंत्र 1. ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥ 2. प्रार्थना सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥ 3. स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मां कात्यायनी मंत्र 1. ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥ 2. प्रार्थना चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥ 3. स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मां कालरात्रि का मंत्र 1. ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥ 2. प्रार्थना एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥ 3. स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मां महागौरी का मंत्र 1. ॐ देवी महागौर्यै नमः॥ 2. प्रार्थना श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥ 3. स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ मां सिद्धिदात्री का मंत्र 1. ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥ 2. प्रार्थना सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥ 3. स्तुति या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो न

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कब तक है नवरात्रि


चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हुई है, यह मां दुर्गा पूजा का उत्सव 17 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान मां के नौ स्वरूपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। आइये जानते हैं सभी 9 स्वरूप के मंत्र, प्रार्थना और स्तुति मंत्र क्या हैं..

मां शैलपुत्री का मंत्र


1. ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

2. प्रार्थना


वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

3. स्तुति


या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र


1. ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

2. प्रार्थना


दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

3. स्तुति


या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां चंद्रघंटा के मंत्र


1. सरल मंत्र : ॐ एं ह्रीं क्लीं

2. माता चंद्रघंटा का उपासना मंत्र


पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।


3. या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:


ये मां का महामंत्र है जिसे पूजा पाठ के दौरान जपना होता है।

4. मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’

मां कुष्मांडा का मंत्र


1. ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥

2. प्रार्थना


सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

3. स्तुति


या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ये भी पढ़ेंः Navratri Bhog: सभी नौ स्वरूपों को प्रिय हैं ये भोग, मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए रोज चढ़ाएं अलग भोग

मां स्कंदमाता मंत्र


1. ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥

2. प्रार्थना


सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

3. स्तुति


या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कात्यायनी मंत्र


1. ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

2. प्रार्थना


चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

3. स्तुति


या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कालरात्रि का मंत्र


1. ॐ देवी कालरात्र्यै नमः॥

2. प्रार्थना


एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

3. स्तुति


या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां महागौरी का मंत्र


1. ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

2. प्रार्थना


श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

3. स्तुति


या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां सिद्धिदात्री का मंत्र


1. ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥

2. प्रार्थना


सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

3. स्तुति


या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो न