Translated Hindi nonfiction: ‘My Autobiography’, by Charlie Chaplin
Chaplin’s career spanned more than 75 years, and encompassed both accolades and controversies.
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चार्ली चैप्लिन के आत्मकथा मेरी आत्मकथा, अनुवाद सूरज प्रकाश, का एक अंश, राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित।
मुझे अचानक लगा कि माँ और बाहर की दुनिया के साथ सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। माँ सुबह से अपनी किसी सहेली के साथ बाहर गई हुई थीं। वापस लौटीं तो बहुत अधिक उत्तेजित थीं। मैं फ़र्श पर खेल रहा था और अपने आसपास चल रहे भीषण तनाव के बारे में सतर्क था, ऐसा लग रहा था मानो मैं कुएँ की तलहटी में सुन रहा होऊँ। माँ भावपूर्ण तरीक़े से अपनी बात बता रही थीं, रोए जा रही थीं और बार-बार आर्मस्ट्रांग का नाम ले रही थीं – आर्मस्ट्रांग ने यह कहा या आर्मस्ट्रांग ने वह कहा। आर्मस्ट्रांग जंगली है। माँ को इस तरह की उत्तेजना में पहले मैंने कभी नहीं देखा था और यह इतनी तेज़ थी कि मैंने रोना शुरू कर दिया। मैं इतना रोया कि मजबूरन माँ को मुझे गोद में उठाना पड़ा और दिलासा देना पड़ा। हालाँकि मुझे उस दोपहरी की बातचीत के महत्त्व का पता कुछ बरस बाद चल पाया जब माँ अदालत से लौटीं जहाँ उन्होंने मेरे पिता पर बच्चों के भरण-पोषण का ख़र्चा-पानी न देने की वजह से मुक़दमा कर रखा था और बदक़िस्मती से मामला उनके पक्ष में...