Vivah Muhurt: विवाह के लिए कर लें अपनी प्लानिंग, 6 मार्च तक सिर्फ 20 शुभ मुहूर्त, अखातीज पर भी नहीं होगी शादी

23 नवंबर को देवउठनी ग्यारस से शहनाइयों की गूंज शुरू हो जाएगी। इस बार देवउठनी ग्यारस से 6 मार्च तक शादियों के 20 मुहूर्त बताए जा रहे हैं। फिर आगे गुरु और शुक्र तारे के अस्त होने से विवाह मुहूर्तों पर प्रतिबंध लग सकता है। इससे आखातीज पर भी मुहूर्त नहीं है। इस वजह से इस साल विवाह की योजना बना रहे हैं तो कर लें प्लानिंग.. ये हैं अबूझ मुहूर्तउज्जैन के ज्योतिषी पं. चंदन श्याम नारायण व्यास के अनुसार 23 नवंबर को देवउठनी ग्यारस और अगले साल 14 फरवरी को वसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त है। इन दो दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं हैं। ज्योतिषी पं. चंद्रशेखर दवे ने बताया, देवउठनी ग्यारस पर गोधुली बेला में लग्न रहेंगे। इस दिन कोई भी शादी या अन्य कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं। इसके बाद 23, 27 28 और 29 नवंबर को मुहूर्त हैं। इसके बाद दिसंबर में 7, 15, जनवरी में 16, 20, 30, 31, फरवरी में 4,6,12,18, 19 तारीख को मुहूर्त हैं। 15 मार्च से 15 अप्रैल तक मलमासनवंबर से फरवरी तक शादियों का क्रम चलने के बाद मार्च में 2, 4, 5 व 6 तारीखों में मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद फिर 15 से मलमास लग जाएगा, जो 15 अप्रैल तक चलेगा। इसके बाद 18, 23, 26 व 28 को मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद 28 अप्रैल से शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। जो 2 जुलाई तक रहेगा। इसबीच 8 मई से 1 जून तक गुरु तारा अस्त हो जाएगा, जिससे 10 मई को आखातीज पर मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे। 2 जुलाई को तारा अस्त समाप्ति के बाद 9, 11 व 15 को मुहूर्त हैं, लेकिन ये बारिश के दिन होने से इसमें लोग शादियां कम ही करते हैं।18 अप्रैल को गुरु शत्रु राशि में आएंगेपं. चंद्रशेखर दवे ने बताया 18 अप्रेल को गुरु शत्रु राशि में प्रवेश करेंगे। जिसका असर 6 राशि के लोगों पर पड़ेगा। इसमें कुंभ, कन्या, तुला व मिथुन राशि के जातकों के लिए वैवाहिक लग्न अच्छे नहीं रहेंगे। इसी तरह वृषभ, मीन, धनु व मेष राशि के जातक पूजन देकर शादी कर सकते हैं, बाकी राशि के जातकों के लिए मांगलिक कार्यो का समय श्रेष्ठ रहेगा।

Vivah Muhurt: विवाह के लिए कर लें अपनी प्लानिंग, 6 मार्च तक सिर्फ 20 शुभ मुहूर्त, अखातीज पर भी नहीं होगी शादी

23 नवंबर को देवउठनी ग्यारस से शहनाइयों की गूंज शुरू हो जाएगी। इस बार देवउठनी ग्यारस से 6 मार्च तक शादियों के 20 मुहूर्त बताए जा रहे हैं। फिर आगे गुरु और शुक्र तारे के अस्त होने से विवाह मुहूर्तों पर प्रतिबंध लग सकता है। इससे आखातीज पर भी मुहूर्त नहीं है। इस वजह से इस साल विवाह की योजना बना रहे हैं तो कर लें प्लानिंग..

ये हैं अबूझ मुहूर्त
उज्जैन के ज्योतिषी पं. चंदन श्याम नारायण व्यास के अनुसार 23 नवंबर को देवउठनी ग्यारस और अगले साल 14 फरवरी को वसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त है। इन दो दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं हैं।

ज्योतिषी पं. चंद्रशेखर दवे ने बताया, देवउठनी ग्यारस पर गोधुली बेला में लग्न रहेंगे। इस दिन कोई भी शादी या अन्य कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं। इसके बाद 23, 27 28 और 29 नवंबर को मुहूर्त हैं। इसके बाद दिसंबर में 7, 15, जनवरी में 16, 20, 30, 31, फरवरी में 4,6,12,18, 19 तारीख को मुहूर्त हैं।

15 मार्च से 15 अप्रैल तक मलमास
नवंबर से फरवरी तक शादियों का क्रम चलने के बाद मार्च में 2, 4, 5 व 6 तारीखों में मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद फिर 15 से मलमास लग जाएगा, जो 15 अप्रैल तक चलेगा। इसके बाद 18, 23, 26 व 28 को मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद 28 अप्रैल से शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। जो 2 जुलाई तक रहेगा।
इसबीच 8 मई से 1 जून तक गुरु तारा अस्त हो जाएगा, जिससे 10 मई को आखातीज पर मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे। 2 जुलाई को तारा अस्त समाप्ति के बाद 9, 11 व 15 को मुहूर्त हैं, लेकिन ये बारिश के दिन होने से इसमें लोग शादियां कम ही करते हैं।

18 अप्रैल को गुरु शत्रु राशि में आएंगे
पं. चंद्रशेखर दवे ने बताया 18 अप्रेल को गुरु शत्रु राशि में प्रवेश करेंगे। जिसका असर 6 राशि के लोगों पर पड़ेगा। इसमें कुंभ, कन्या, तुला व मिथुन राशि के जातकों के लिए वैवाहिक लग्न अच्छे नहीं रहेंगे। इसी तरह वृषभ, मीन, धनु व मेष राशि के जातक पूजन देकर शादी कर सकते हैं, बाकी राशि के जातकों के लिए मांगलिक कार्यो का समय श्रेष्ठ रहेगा।